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स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा”:flag-in: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के इस नारे ने पूरे देश को जगाने और ...
सोचिए एक घर की छत पर कितने तरह के फूल उगाए जा सकते हैं, आपका जवाब होगा,पचास, साठ या सौ तरह के, लेकिन केरल की अंजू ने घर की छत ...
नागपंचमी पर जो सांप दिखते हैं, उनके दांत पहले ही तोड़ दिए जाते हैं। फिर उन्हें 15-20 दिन भूखा-प्यासा रखा जाता है, जब दूध सामने रखते हैं, वो मजबूरी में ...
जिसने अकेले रणथंभौर को पहचान दी, जिसकी दहाड़ जंगल की रूह बन गई,जिस पर डाक टिकट छपा, डॉक्युमेंट्री बनी,उसका नाम था मछली। एक बाघिन, एक माँ, एक रानी और दुनिया ...
एक दिन अचानक सब कुछ भूल जाने वाली पद्मजा,आज दूसरों को याद रह जाने वाली कहानियाँ बना रही हैं। उनकी हिम्मत हमें सिखाती है कि ज़िंदगी को दोबारा लिखा जा ...
M.Phil किया, कॉलेज में पढ़ाया… लेकिन असली बदलाव तब आया जब शब्बीर अहमद ने चुना Beekeeping का रास्ता। Beekeeping से न सिर्फ ...
कारगिल की लड़ाई में देश की रक्षा करते हुए अपना हाथ और दोनों पैर खो दिए, लेकिन न तो देश की सेवा का जज्बा कम हुआ न ही जिंदादिली, मिलिए ...
क्या आज के युवा राग, रियाज़ और तबले से फिर जुड़ सकते हैं, तो जवाब है, हां। सिर्फ जुड़ ही नहीं सकते बल्कि हमारे भारतीय शास्त्रीय संगीत को देश-दुनिया तक ...
जिन्होंने कभी अपुर्वा के वजन का, सपनों का मजाक यह कहते हुए उड़ाया कि इतनी मोटी लड़की डांस कैसे करेगी, आज वही लोग अपुर्वा के हुनर और जज्बे को देखकर ...
कोयले की राख में तब्दील होते खेत, और घटती हरियाली को बचाने निकली हैं नागालैंड की एईएन अमरी, 10 लाख मोरिंगा के पौधे लगाकर वो आज Northeast की मिट्टी में ...
चंद्रशेखर आज़ाद सिर्फ़ 24 साल की उम्र में शहीद हो गए, लेकिन इतने कम समय में उन्होंने अंग्रेज़ों को कई बार चकमा दिया। उन्होंने कभी भी गिरफ्तारी नहीं दी और ...
कौन थीं रानी कमलापति, जिनके नाम पर बदला हबीबगंज स्टेशन का नाम 04 Dec 20211 Min Read Home Read Watch Community ...